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Showing posts from July 10, 2022

सब ढोंग की भेंट चढ़ गया...

 "तमाम उम्र का हिसाब मांगती है जिंदगी... ये मेरा दिल कहे तो क्या! ये खुद से शर्मसार है।" बीसियों बार सुन डाला इसे, हर बार वही टीस उठती है। जिंदगी से गुजरते हुए कितनी बार ये सोच सकी कि कभी हिसाब भी देना होगा! सपने देखने की उम्र से ही तमाम तरह की जिद पाल ली ब्रह्माण्ड से, और साम दाम दण्ड भेद... हर उपाय लगा लिए उसे पूरा करने को। उस दौड़ में कितने ही सच नकार दिए, कितने ही झूठ ओढ़ लिए।  कभी कुछ बन गई ...कभी कुछ दूसरा और.. कभी तीसरा ही कुछ... हरे कृष्ण, मैने कितने रूप धर लिए, कितने उपक्रम किए, मिट्टी माथे पर धर ली, आसमान जमीन पर फेंक दिया, चांद तारों को पालतू बनाने तक का इरादा कर डाला। कल्पना को जी लेने की धुन ऐसी लगी की सारी जिंदगी खपा दी, जिसने भी जगाने की कोशिश की उसे दूर धकेल दिया, सच का मुंह नोच लिया, आईने सब तोड़ दिए, सूरज पर पर्दा डाल दिया। भीतर जो मैं थी, उसे किसी तरह सर न उठाने दिया, वो मेरी कल्पना की दुनिया के आड़े आती थी,  वो मेरा गुड्डा गुडिया का घरौंदा सजा न रहने देती। वो स्वाभिमान की बात करती थी, सच और झूठ का फर्क बताती थी, में राधाकृष्ण की ओर लपकती, वो ब्रह्म को ...